पर्यावरणीय मंजूरी
ईआईए अध‍िसूचना में निर्दिष्ट प्रक्रिया के अनुसार पर्यावरण एवं वन और जलवायु परिवर्तन (एमओईएफ व सीसी मंत्रालय) से परियोजना की पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त की जाती है । संभावित पर्यावरण प्रभावों और क्षमता के आधार पर परियोजना को कई श्रेणि‍यों जैसे ए, बी1 और बी2 में बाटा गया है । पर्यावरण एवं वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा ईआइए अध‍िसूचना, 2006 के अनुसार परियोजना स्कोपिंग स्तर पर पर्यावरण एवं वन और जलवायु परिवर्तन द्वारा पूर्व निर्माण गतिविध‍ियों और पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (ईआइए) करने के लिए अध्ययन की अनुमोदन एवं पर्यावरणीय प्रबंधन योजनाओं (ईएमपी) की तैयारी करने हेतु टी ओ आर की मंजूरी दी जाती है । टी ओ आर ईआइए और ईएमपी रिपोर्टो के लिए एक प्रारूप एवं संरचना उपलब्ध कराता है जिसके अनुसार परियोजना प्रस्तावक को मूल्यांकन समय सभी मुद्दों के निराकरण के लिए विस्तृत सूचना एकत्रित करना, फील्ड डाटा एकत्रित करना, प्रभावों की पहचान करना एवं ई एम पी में उनको कम करने के लिए उपायों को प्रस्तावित करना होता है। इसके पश्चात मान्यता प्राप्त/प्रस‍िद्ध परामर्शकों के माध्यम से विस्तृत पर्यावरण प्रभाव आकलन अध्ययन कराया जाता है।
 
ई आई ए / ई एम पी अध्ययन पूरे होने के पश्चात राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा जन सुनवाई आयोजित कराई जाती है। जन सुनवाई पूरी होने के पश्चात, इस प्रक्रिया के दौरान व्यक्त किए गए संबंध‍ित पर्यावरणीय मुद्दों को प्रारूप ईआईए और ईएमपी रिपोर्ट में शामिल किया जाता है । अंतिम ईआईए/ ईएमपी रिपोर्ट, कार्यकारी सारांश, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर), जन सुनवाई की कार्यवाहियों को पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति द्वारा मूल्यांकन करने के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को प्रस्तुत किया जाता है । ईएसी की स‍िफारिश के पश्चात परियोजना को मंजूरी पत्र में अनुबंध‍ित अनुपालन शर्तों के अधीन पर्यावरणीय मंजूरी दी जाती है ।

तीस्ता- IV जलविद्युत परियोजना (520 मेगावाट),स‍िक्क‍िम, 
तवांग-I जलविद्युत परियोजना (600 मेगावाट) अरूणाचल प्रदेश 

तवांग-II जलविद्युत परियोजना (800 मेगावाट), अरूणाचल प्रदेश 
दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना की पर्यावरण संबंधी मंजूरी पत्र
 
 
@Environment Sec.