आर एंड आर पहल
एनएचपीसी की अधिकांश परियोजनाएं दूरदराज के पहाड़ी इलाकों में स्थित हैं, अधिकांशत: ये क्षेत्र अल्प-अविकसित हैं तथा यहां आजीविका के लिए लोग पारंपरिक संसाधनों पर ही निर्भर हैं। एनएचपीसी द्वारा परियोजना प्रभावित एवं आसपास रहने वाले परिवारों के जीवन स्तर में सुधार एवं उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के उत्थान के लिए हर संभव प्रयास किए जाते हैं।
 
पुनर्स्थापन एवं पुनर्वास योजनायें सभी परियोजना के पर्यावरण प्रबंधन योजना (ईएमपी) का हिस्सा होती हैं जिसे राज्य सरकार, जिला प्रशासन के संबंधित विभागों, प्रभावित परिवारों और क्षेत्र में अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर तैयार किया जाता है। पुनर्वास और पुनर्स्थापन (आर एंड आर) योजना के निर्माण के दौरान, परियोजना प्रभावित परिवारों (पीएएफ) के लिए बुनियादी सुविधाओं के प्रावधान पर विशेष जोर दिया जाता है, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो, माध्यमिक स्रोतों के माध्यम से काम के अवसर पैदा करके गरीबी दूर करने में सहायता मिलती हो और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके। इन योजनाओं का मूल्यांकन और अनुमोदन, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (EAC) द्वारा परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय मंजूरी प्रदान करने के दौरान किया जाता है।
एनएचपीसी द्वारा अपनी विभिन्न परियोजनाओं में कार्यान्वित किये जा रहे पुनर्स्थापन एवं पुनर्वास पैकेज में निम्नलिखित शामिल होते हैं:
  • जमीन, मकान, दुकानों और अन्य संपत्तियों के लिए मुआवजा आदि
  • होमस्टेड भूमि
  • घरेलू सामान, मवेशी आदि के लिए परिवहन शुल्क
  • घर का निर्माण
  • सोलेशियम शुल्क
  • मवेशी शेड या पोल्ट्री फार्म के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता
  • कृषि भूमि को प्रदान करना, जोकि उपलब्धता या भूमिहीन अनुदान के प्रावधान पर निर्भर करता है
  • बीज/ उर्वरक/ भूमि विकास के लिए सब्सिडी
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, सामुदायिक केंद्र आदि का विकास
  • सड़क, पेयजल, बिजली, चिकित्सा आदि जैसी मूलभूत सुविधाओं का प्रावधान
  • उद्यमिता कौशल विकसित करने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण
  • एनएचपीसी के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में दुकानों के आवंटन में प्राथमिकता
  • अनुसूचित जनजातियों के लिए विशेष उपाय
  • धार्मिक संरचना या पुरातात्विक महत्व की संरचनाओं का नवीनीकरण/ पुनर्वास
पुनर्वास कॉलोनी में विकसित की जाने वाली बुनियादी सुविधाओं के प्रावधानों में पाइप्ड जलापूर्ति, सामुदायिक शौचालय, सीवेज उपचार सुविधाएं और सीवरेज प्रणाली, विद्युतीकरण, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी)/ अस्पताल, सामुदायिक केंद्र, व्यावसायिक गतिविधि केंद्र, स्कूल परिसर में खेल का मैदान, बाल उद्यान, एवेन्यू (मार्ग) वृक्षारोपण और ब्लॉक वृक्षारोपण, पुनर्वास कॉलोनी तक सड़क, पुनर्वास कॉलोनी में आंतरिक सड़कें और सिंचाई सुविधाएं आदि सम्मिलित हैं ।
 
पुनर्वास कॉलोनी, तीस्ता-V पावर स्टेशन, सिक्किम
 
पुनर्वास कॉलोनी, तीस्ता-V पावर स्टेशन, सिक्किम
 
पुनर्वास कॉलोनी, किशनगंगा पावर स्टेशन, गुरेज़, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू व कश्मीर
पुनर्वासकॉलोनी, किशनगंगा पावर स्टेशन,केंद्र शासित प्रदेश जम्मू व कश्मीर
 
"भूमि अधिग्रहण, पुनर्स्थापन और पुनर्वास में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम (RFCTLARR 2013)" के अधिनियमन के साथ, अब विस्तृत सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन (SIA) अध्ययन, सम्बंधित राज्य सरकार एवं एक स्वतंत्र SIA एजेंसी के द्वारा सम्पन्न कराया जाता है। इस तरह परियोजना प्रभावित परिवारों की पूरी भागीदारी के साथ तैयार सामाजिक प्रभाव प्रबंधन योजना/ पुनर्स्थापन व पुनर्वास योजनाओं का निर्माण किया जाता है। इस तरह तैयार की गयी पुनर्स्थापन व पुनर्वास योजनायें विकासकर्ता द्वारा निर्माण कार्य आरम्भ करने से पूर्व प्रतिपादन के लिये राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित की जाती हैं।
 
तथ्यात्मक रूप से अब सभी प्रकार की अनुमतियाँ, पर्यावरण स्वीकृति, वन स्वीकृति, RFCTLARR Act, 2013 के अंतर्गत सामाजिक प्रभाव आंकलन आदि में प्रभावित समुदायों से विचार-विमर्श इसका महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। एनएचपीसी द्वारा किए गए सामुदायिक सहभागिता के कुछ उदाहरण निम्नानुसार हैं:
  • प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट / डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के दौरान सर्वेक्षण और भूमि, सामाजिक-अर्थशास्त्र आदि पर प्रारंभिक आंकड़ों का संग्रह।
  • पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन तथा पर्यावरण प्रबंधन योजनाओं के लिये किये जाने वाले पर्यावरण अध्ययन अथवा सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन के दौरान जन परामर्श तथा जन सुनवाई पर्यावरणीय मंजूरी प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है।
  • सामाजिक प्रभाव आकलन रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान जन सुनवाई, पुनर्स्थापन एवं पुनर्वास योजना का निर्माण, भूमि और संपत्ति के रिकॉर्ड का मूल्यांकन/ सत्यापन आदि “RFCTLARR 2013” के अंतर्गत किया जाता है।
  • परियोजना निर्माण पश्चात किये जाने वाले पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन अध्ययन के दौरान।
  • वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अनुपालन की प्रक्रिया के दौरान।
  • पुनर्स्थापन एवं पुनर्वास योजना के कार्यान्वयन के दौरान।
  • सीएसआर और अन्य सामुदायिक विकास कार्यों के कार्यान्वयन के दौरान।
  • अन्य विशिष्ट पुनर्वास अथवा पुनर्स्थापन प्रक्रिया के दौरान।
 
तीस्ता –IV, सिक्किम में सामाजिक प्रभाव आकलन
 
सभी प्रभावित परिवारों (भूमि मालिकों और जिन परिवारों की आजीविका मुख्य रूप से अधिग्रहीत भूमि पर निर्भर है दोनो के लिये) से अधिग्रहित भूमि के संबंध में RFCTLARR अधिनियम, 2013 के अनुसार पुनर्स्थापन एवं पुनर्वास पात्रता के तत्व -
  • विस्थापन की स्थिति में आवास इकाइयों का प्रावधान
  • रोजगार अथवा वार्षिक अनुदान के लिए विकल्प
  • एक वर्ष के लिए विस्थापित परिवारों के लिए निर्वाह भत्ता। विस्थापित अनुसूचित जाति/जनजाति परिवारों के लिये अतिरिक्त अनुदान
  • विस्थापित परिवारों के लिए परिवहन लागत
  • कैटल शेड/ लघु दुकानों की लागत
  • कारीगरों, छोटे व्यापारियों और कुछ अन्य समान प्रभावितों को एक मुश्त अनुदान
  • मछली पालन का अधिकार
  • एकमुश्त पुनर्वास भत्ता
  • स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क
  • पुनर्वास क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं : यह सुनिश्चित करने के लिए कि नए गांव अथवा कॉलोनी में रहने वाली आबादी को समुचित सामुदायिक जीवन उपलब्ध है साथ ही विस्थापन के कारण होने वाले आघात को न्यूनतम करने के दृष्टिगत पुनर्वास क्षेत्र में ढांचागत और बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
 
 
@पर्यावरण विभाग