अवलोकन
एनएचपीसी लिमिटेड भारत का सबसे बड़ा जल विद्युत विकास संगठन है, जिसमें जल विद्युत परियोजनाओं की अवधारणा से लेकर चालू होने तक सभी गतिविधियों को करने की क्षमता है। एनएचपीसी ने सौर और पवन ऊर्जा विकास आदि के क्षेत्र में भी विविधता लाई है।

एनएचपीसी लिमिटेड (जिसे पहले नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) को 1975 में कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत शामिल किया गया था। कंपनी को भारत और विदेशों में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक स्रोतों के माध्यम से अपने सभी पहलुओं में बिजली के एकीकृत और कुशल विकास की योजना बनाने, बढ़ावा देने और व्यवस्थित करने के लिए अधिदेशित किया गया है। एनएचपीसी 2009 में अपने आईपीओ को सफलतापूर्वक समाप्त करने के बाद NSE और BSE पर एक सूचीबद्ध कंपनी है।

एनएचपीसी के पास 31 दिसंबर, 2023 तक ₹15,000 करोड़ रुपये की authorized share capital, ₹10,045.03 करोड़ रुपये की Paid-up capital और ₹ 78089.17 करोड़ रुपये का Investment base है।

29 फ़रवरी,  2024 की स्थिति के अनुसार एनएचपीसी की कुल संस्थापित क्षमता 7097.20 मेगावाट है, जिसमें संयुक्त उद्यम में 1546 मेगावाट शामिल है, जिसमें 22 जल विद्युत स्टेशनों से 6971.20 मेगावाट, सौर ऊर्जा परियोजना से 76 मेगावाट और पवन ऊर्जा परियोजना से 50 मेगावाट शामिल हैं। एनएचपीसी का 6971.20 मेगावाट का हाइड्रो शेयर देश की कुल स्थापित जल विद्युत क्षमता 46850.18 मेगावाट का लगभग 14.88% है।

एनएचपीसी अपनी संयुक्त उद्यमों/सहायक कंपनियों सहित वर्तमान में कुल 10449.70 मेगावाट संस्थापित क्षमता की 16 परियोजनाओं के निर्माण में लगी हुई है, जिसमें तीन जलविद्युत परियोजनाएं अर्थात अरुणाचल प्रदेश में सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना (2000 मेगावाट) , दिबांग बहु उद्देशीय परियोजना ( 2880 मेगावाट ) एवं हिमाचल प्रदेश में पार्वती-II जल विद्युत परियोजना (800 मेगावाट) साथ ही तीन सौर परियोजनाएं एमएनआरई सीपीएसयू योजना के तहत कुल 1000 मेगावाट सौर परियोजनाएं जिसमे गुजरात(600 मेगावाट), राजस्थान (300 मेगावाट) और आंध्र प्रदेश(100 मेगावाट) में एनएचपीसी द्वारा निष्पादित की जा रही हैं। जबकि छह पनबिजली परियोजनाएं और दो सौर परियोजनाएं एनएचपीसी की सहायक कंपनियों अर्थात् सीवीपीपीएल द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पाकल दुल जलविद्युत परियोजना (1000 मेगावाट), कीरू जलविद्युत परियोजना (624 मेगावाट) और क्वार जलविद्युत परियोजना (540 मेगावाट), आरएचपीसीएल द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में रातले जलविद्युत परियोजना (850 मेगावाट), एलटीएचपीएल द्वारा सिक्किम में तीस्ता-VI जलविद्युत परियोजना (500 मेगावाट) जेपीसीएल द्वारा सिक्किम में रंगित-IV जलविद्युत परियोजना (120 मेगावाट) और एनएचडीसी द्वारा 88 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना ओंकारेश्वर परियोजना के जलाशय में एवं 8 मेगावाट साँची सोलर परियोजना मध्य प्रदेश , बीएसयूएल द्वारा कालपी सौर परियोजना ( कुल 65 मेगावाट में से 26 मेगावाट परिचालान मे एवं 39 मेगावाट निर्माणाधीन ) उत्तर प्रदेश में तथा केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान, अजमेर में ग्राउंड माउंटेड सौर ऊर्जा परियोजना (0.70 मेगावाट) निष्पादित की जा रही हैं ।

इसके अतिरिक्त, कुल 4847  मेगावाट संस्थापित क्षमता वाली 13 परियोजनाएं स्वीकृति लंबित चरण में हैं, जिसमें एनएचपीसी द्वारा स्वयं की चार जलविद्युत एवं तीन सोलर परियोजनाएं और संयुक्त उद्यम मोड में छह परियोजनाएं (2 हाइड्रो और 4 सौर में) शामिल हैं। इसके अलावा, कुल 4750 मेगावाट संस्थापित क्षमता की चार जलविद्युत परियोजनाएं एवं एक पम्प स्टोरेज परियोजना , सर्वेक्षण और अन्वेषण चरण में हैं ।

वित्तीय वर्ष 2022-2023 के दौरान एनएचपीसी पावर स्टेशनों ने 24907 एमयू बिजली का उत्पादन किया है।
        
Generation

2022-23 अवधि के दौरान एनएचपीसी लिमिटेड की बिजली की बिक्री रू 9125 करोड़ था और निवल लाभ रू 3834 करोड़ था।
बिक्री बनाम लाभ

टिप्पणी :- उपरोक्त आंकड़े संबंधित वित्तीय वर्ष की लेखा परीक्षित खाते/वार्षिक रिपोर्ट से लिए गए हैं।