अवलोकन
एनएचपीसी लिमिटेड भारत का सबसे बड़ा जल विद्युत विकास संगठन है, जिसमें जल विद्युत परियोजनाओं की अवधारणा से लेकर चालू होने तक सभी गतिविधियों को करने की क्षमता है। एनएचपीसी ने सौर और पवन ऊर्जा विकास आदि के क्षेत्र में भी विविधता लाई है।
एनएचपीसी लिमिटेड (जिसे पहले नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) को 1975 में कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत शामिल किया गया था। कंपनी को भारत और विदेशों में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक स्रोतों के माध्यम से अपने सभी पहलुओं में बिजली के एकीकृत और कुशल विकास की योजना बनाने, बढ़ावा देने और व्यवस्थित करने के लिए अधिदेशित किया गया है। एनएचपीसी 2009 में अपने आईपीओ को सफलतापूर्वक समाप्त करने के बाद NSE और BSE पर एक सूचीबद्ध कंपनी है।
एनएचपीसी के पास 30 सितंबर, 2024 तक ₹15,000 करोड़ रुपये की authorized share capital, ₹10,045.03 करोड़ रुपये की Paid-up capital और ₹ 81658.07 करोड़ रुपये का Investment base है।
31,दिसम्बर 2024 की स्थिति के अनुसार एनएचपीसी की कुल संस्थापित क्षमता 7232.90 मेगावाट है, जिसमें संयुक्त उद्यम में 1681.70 मेगावाट शामिल है, जिसमें 22 जल विद्युत स्टेशनों से 6971.20 मेगावाट, पाँच सौर ऊर्जा परियोजना से 211.70 मेगावाट और पवन ऊर्जा परियोजना से 50 मेगावाट शामिल हैं। एनएचपीसी का 6971.20 मेगावाट का हाइड्रो शेयर देश की कुल स्थापित जल विद्युत क्षमता 46928.17 मेगावाट का लगभग 14.85% है।
एनएचपीसी अपनी संयुक्त उद्यमों/सहायक कंपनियों सहित वर्तमान में कुल 10804 मेगावाट संस्थापित क्षमता की 16 परियोजनाओं के निर्माण में लगी हुई है, जिसमें तीन जलविद्युत परियोजनाएं अर्थात अरुणाचल प्रदेश में सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना (2000 मेगावाट) , दिबांग बहु उद्देशीय परियोजना ( 2880 मेगावाट ) एवं हिमाचल प्रदेश में पार्वती-II जल विद्युत परियोजना (800 मेगावाट) साथ ही पाँच सौर परियोजनाएं एमएनआरई सीपीएसयू योजना के तहत कुल 1000 मेगावाट सौर परियोजनाएं जिसमे गुजरात(600 मेगावाट), राजस्थान (300 मेगावाट) और आंध्र प्रदेश(100 मेगावाट) में , 40 मेगावाट गंजम उड़ीसा मे, 50 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर वेस्ट कल्लाडा केरल में तथा 200 मेगावाट ग्रिड कन्नेक्टेड खवाड़ा स्टेज-I, एवं 200 मेगावाट ग्रिड कन्नेक्टेड खवाड़ा स्टेज-III, गुजरात में एनएचपीसी द्वारा निष्पादित की जा रही हैं। जबकि छह पनबिजली परियोजनाएं और एक सौर परियोजनाएं एनएचपीसी की सहायक कंपनियों अर्थात् सीवीपीपीएल द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पाकल दुल जलविद्युत परियोजना (1000 मेगावाट), कीरू जलविद्युत परियोजना (624 मेगावाट) और क्वार जलविद्युत परियोजना (540 मेगावाट), आरएचपीसीएल द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में रातले जलविद्युत परियोजना (850 मेगावाट), एलटीएचपीएल द्वारा सिक्किम में तीस्ता-VI जलविद्युत परियोजना (500 मेगावाट) और जेपीसीएल द्वारा सिक्किम में रंगित-IV जलविद्युत परियोजना (120 मेगावाट)।
इसके अतिरिक्त, कुल 4291 मेगावाट संस्थापित क्षमता वाली 09 परियोजनाएं स्वीकृति लंबित चरण में हैं, जिसमें एनएचपीसी द्वारा स्वयं की चार जलविद्युत एवं एक सोलर परियोजनाएं और संयुक्त उद्यम मोड में चार परियोजनाएं (1 हाइड्रो और 3 सौर में) शामिल हैं। इसके अलावा, कुल 9715 मेगावाट संस्थापित क्षमता की छह जलविद्युत परियोजनाएं एवं चार पम्प स्टोरेज परियोजना , सर्वेक्षण और अन्वेषण चरण में हैं ।
अक्षय ऊर्जा में एनएचपीसी द्वारा पहल
वित्तीय वर्ष 2023-2024 के दौरान, एनएचपीसी पावर स्टेशनों ने 21779 एमयू का उत्पादन हासिल किया
2023-24 अवधि के दौरान एनएचपीसी लिमिटेड की बिजली की बिक्री रू 7957 करोड़ था और निवल लाभ रू 3744 करोड़ था।
बिक्री बनाम लाभ
टिप्पणी :- उपरोक्त आंकड़े संबंधित वित्तीय वर्ष की लेखा परीक्षित खाते/वार्षिक रिपोर्ट से लिए गए हैं।
एनएचपीसी लिमिटेड (जिसे पहले नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) को 1975 में कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत शामिल किया गया था। कंपनी को भारत और विदेशों में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक स्रोतों के माध्यम से अपने सभी पहलुओं में बिजली के एकीकृत और कुशल विकास की योजना बनाने, बढ़ावा देने और व्यवस्थित करने के लिए अधिदेशित किया गया है। एनएचपीसी 2009 में अपने आईपीओ को सफलतापूर्वक समाप्त करने के बाद NSE और BSE पर एक सूचीबद्ध कंपनी है।
एनएचपीसी के पास 30 सितंबर, 2024 तक ₹15,000 करोड़ रुपये की authorized share capital, ₹10,045.03 करोड़ रुपये की Paid-up capital और ₹ 81658.07 करोड़ रुपये का Investment base है।
31,दिसम्बर 2024 की स्थिति के अनुसार एनएचपीसी की कुल संस्थापित क्षमता 7232.90 मेगावाट है, जिसमें संयुक्त उद्यम में 1681.70 मेगावाट शामिल है, जिसमें 22 जल विद्युत स्टेशनों से 6971.20 मेगावाट, पाँच सौर ऊर्जा परियोजना से 211.70 मेगावाट और पवन ऊर्जा परियोजना से 50 मेगावाट शामिल हैं। एनएचपीसी का 6971.20 मेगावाट का हाइड्रो शेयर देश की कुल स्थापित जल विद्युत क्षमता 46928.17 मेगावाट का लगभग 14.85% है।
एनएचपीसी अपनी संयुक्त उद्यमों/सहायक कंपनियों सहित वर्तमान में कुल 10804 मेगावाट संस्थापित क्षमता की 16 परियोजनाओं के निर्माण में लगी हुई है, जिसमें तीन जलविद्युत परियोजनाएं अर्थात अरुणाचल प्रदेश में सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना (2000 मेगावाट) , दिबांग बहु उद्देशीय परियोजना ( 2880 मेगावाट ) एवं हिमाचल प्रदेश में पार्वती-II जल विद्युत परियोजना (800 मेगावाट) साथ ही पाँच सौर परियोजनाएं एमएनआरई सीपीएसयू योजना के तहत कुल 1000 मेगावाट सौर परियोजनाएं जिसमे गुजरात(600 मेगावाट), राजस्थान (300 मेगावाट) और आंध्र प्रदेश(100 मेगावाट) में , 40 मेगावाट गंजम उड़ीसा मे, 50 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर वेस्ट कल्लाडा केरल में तथा 200 मेगावाट ग्रिड कन्नेक्टेड खवाड़ा स्टेज-I, एवं 200 मेगावाट ग्रिड कन्नेक्टेड खवाड़ा स्टेज-III, गुजरात में एनएचपीसी द्वारा निष्पादित की जा रही हैं। जबकि छह पनबिजली परियोजनाएं और एक सौर परियोजनाएं एनएचपीसी की सहायक कंपनियों अर्थात् सीवीपीपीएल द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पाकल दुल जलविद्युत परियोजना (1000 मेगावाट), कीरू जलविद्युत परियोजना (624 मेगावाट) और क्वार जलविद्युत परियोजना (540 मेगावाट), आरएचपीसीएल द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में रातले जलविद्युत परियोजना (850 मेगावाट), एलटीएचपीएल द्वारा सिक्किम में तीस्ता-VI जलविद्युत परियोजना (500 मेगावाट) और जेपीसीएल द्वारा सिक्किम में रंगित-IV जलविद्युत परियोजना (120 मेगावाट)।
इसके अतिरिक्त, कुल 4291 मेगावाट संस्थापित क्षमता वाली 09 परियोजनाएं स्वीकृति लंबित चरण में हैं, जिसमें एनएचपीसी द्वारा स्वयं की चार जलविद्युत एवं एक सोलर परियोजनाएं और संयुक्त उद्यम मोड में चार परियोजनाएं (1 हाइड्रो और 3 सौर में) शामिल हैं। इसके अलावा, कुल 9715 मेगावाट संस्थापित क्षमता की छह जलविद्युत परियोजनाएं एवं चार पम्प स्टोरेज परियोजना , सर्वेक्षण और अन्वेषण चरण में हैं ।
अक्षय ऊर्जा में एनएचपीसी द्वारा पहल
- एमएनआरई द्वारा 'अक्षय ऊर्जा कार्यान्वयन एजेंसी (आरईआईए)' के रूप में नामित एनएचपीसी वार्षिक बोली कैलेंडर के अनुरूप विभिन्न प्रौद्योगिकी आधारित आरई परियोजनाओं के विकास की सुविधा प्रदान कर रही है। कुल 17260 मेगावाट की 37 नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं अक्षय ऊर्जा कार्यान्वयन एजेंसी (आरईआईए) के रूप में एनएचपीसी द्वारा विभिन्न चरणों में हैं।
- एनएचपीसी ने ग्रीन हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी के विकास के लिए भी पहल की है, जिसमें लेह में एक 25 किलोवाट क्षमता की पायलट ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना और 2 पायलट ग्रीन हाइड्रोजन आधारित ई-मोबिलिटी परियोजनाएं (एक कारगिल, लेह में और एक चंबा, हिमाचल प्रदेश में) कार्यान्वयनाधीन हैं। इन परियोजनाओं के वित्त वर्ष 2024-25 तक चालू होने का अनुमान है।
वित्तीय वर्ष 2023-2024 के दौरान, एनएचपीसी पावर स्टेशनों ने 21779 एमयू का उत्पादन हासिल किया
2023-24 अवधि के दौरान एनएचपीसी लिमिटेड की बिजली की बिक्री रू 7957 करोड़ था और निवल लाभ रू 3744 करोड़ था।
बिक्री बनाम लाभ
टिप्पणी :- उपरोक्त आंकड़े संबंधित वित्तीय वर्ष की लेखा परीक्षित खाते/वार्षिक रिपोर्ट से लिए गए हैं।