कालपाँग


                                                                                                      

अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह वर्तमान में अपनी विद्युत आवश्यकताओं को डीजल जनरेटिंग शेटों के माध्यम से पूरा करता है जिसके लिए समुद्र मार्ग द्वारा मुख्य भूमि से 1200 किलोमीटर की दूरी पर डीजल का परिवहन किया जाता है ।

कलपाँग जल विद्युत परियोजना (5.25 मेगावाट) इस द्वीप समूह में जमा कार्य आधार पर अण्डमान एवं निकोबार प्रशासन की ओर से एनएचपीसी द्वारा निष्पादित तथा प्रारम्भ की गई पहली जल विद्युत परियोजना है जो कम से कम पूर्वी अण्डमान में महंगे तथा प्रदूषण करने वाले डीजल से चलने वाले सेटों से स्वच्छ जल विद्युत के स्रोत की ओर एक बड़ा परिवर्तन है । परियोजना 14.83 एमयू का वार्षिक ऊर्जा योगदान दे रही है और इस प्रकार वार्षिक रूप से लगभग 5000 केएल एचएसडी तेल की बचत कर रही है जोकि केवल डीजल के कारण लगभग 10.00 करोड़ रुपए की वार्षिक बचत में परिणत होगा ।

परियोजना उत्तरी अण्डमान में कलपाँग नदी पर बांयी ओर एक 34 मीटर ऊंची कंक्रीट बांध और दाहिनी ओर 27 मीटर ऊंचे रॉकफिल बांध का निर्माण करके दोनों किनारों के जल का उपयोग करती है । एक अप्रोच चैनल मुख्य जलाशय (बांया किनारा) से जल को इनटेक में ले जाता है जहाँ से आगे इसे 133 मीटर टनल और ‍िफर 650 मीटर लम्बे स्टील के पेनस्टॉक पाइपों, जिनके सपोर्ट के लिए 11 एनकर ब्लॉक हैं, के द्वारा विद्युत गृह में ले जाया जाता है ।

परियोजना को निर्धारित समय से 14 माह पूर्व 1.9.2001 को चालू किया गया था और 9 माह तक सफलतापूर्वक चलाए जाने तथा अनुरक्षण के पश्चात 1.6.2002 से अण्डमान एवं निकोबार प्रशासन को सौंप दिया गया था ।

क्षमता 5.25 MW
डिजाइन ऊर्जा 14.83 MU

  • 138 मीटर लम्बा तथा 34 मीटर ऊंचा 1 कंक्रीट बांध और 127 मीटर लम्बा तथा 27 मीटर ऊंचा 1 रॉकफिल बांध ।
  • 300 मीटर लम्बा ओपन कट लिंक चैनल ।
  • 256 मीटर लम्बा ओपन कट लाइंड इनटेक एप्रोच चैनल ।
  • 2 मीटर x2 मीटर डी आकार की 133 मीटर टनल ।
  • 10 मीटर ऊंचा, 108 मीटर लम्बा रॉकफिल इनटेक डैडल डाइक ।
  • 3 अर्थफिल डाइक, अधिकतम लम्बाई 190 मीटर ।
  • 650 मीटर लम्बा, 1200 एमएम व्यास का दबा हुआ पेनस्टॉक ।
  • 31.5 मीटर x13.2 मीटर सतही विद्युत गृह जिसमें 1.75 मेगावाट के 3 हॉरीजॉन्टल शॉफ्ट फ्रांसिस टरबाइन, 1500 मीटर है ।