नई पहल
सहयोगात्मक अनुसंधान और विकास
  • आर एंड डी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और रचनात्मकता और नवविचार के लिए मंच प्रदान करता है और तकनीकी विकास में योगदान देता है । इस प्रकार संगठन के सतत विकास में योगदान प्रदान करता है । इससे परिचालन में सुधार हो सकता है जो उत्पादकता में वृद्धि कर सकता है ।
  • इस दिशा में एनएचपीसी ने नई पहल को अपनाया है और आर एंड डी गतिविधियों के लिए दिशानिर्देशों को फिर से परिभाषित किया है जो सहयोगात्मक प्रकृति की है और पद्धतियों में सुधार एवं प्रोध्योगिकियों के अध्यतन जो कि संगठन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हेतु विभिन्न विभागों / परियोजनाओं / पावर स्टेशनों को उनकी विशेषज्ञता क्षेत्र में शामिल किया है । तदनुसार एनएचपीसी के सभी स्थानों से उनके संचालन के क्षेत्र में आर एंड डी प्रस्ताव आमंत्रित किए जा रहे हैं ।
वर्तमान में कार्यशील आर एंड डी परियोजनाओं की सूची
  • अनुसंधान एवं विकास पायलट परियोजना के अंतर्गत, “ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी स्टेशन चंबा, हिमाचल प्रदेश” में प्रस्तावित है। जिसके अंतर्गत हाइड्रोजन जनरेटर, 300 KWp की सौर ऊर्जा से संचालित होगा। उत्पन्न हाइड्रोजन, चंबा के स्थानीय क्षेत्र में फ्युल-सेल इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए उपयोग किया जाएगा।
  • अनुसंधान एवं विकास पायलट परियोजना के अंतर्गत, ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी स्टेशन कारगिल, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में प्रस्तावित है। जिसके अंतर्गत हाइड्रोजन जनरेटर, 500 KWp की सौर ऊर्जा से संचालित होगा। उत्पन्न हाइड्रोजन, कारगिल के स्थानीय क्षेत्र में फ्युल-सेल इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए उपयोग किया जाएगा।
  • अनुसंधान एवं विकास पायलट परियोजना, ग्रीन हाइड्रोजन आधारित फ्यूल-सेल माइक्रो ग्रिड (25 KWe) NBPS अतिथि गृह, लेह के लिए प्रस्तावित है। जिसके अंतर्गत हाइड्रोजन जनरेटर, 225 KWp की सौर ऊर्जा से संचालित होगा। उत्पन्न हाइड्रोजन का प्रयोग सौर ऊर्जा की अनुपस्थिति में अतिथि गृह को बिजली उपलब्ध करने के लिए होगा।
  • पार्बती-II एच ई प्रोजेक्ट के रॉकस्टैब 1.2 पी यू और टैमरेटे एसएसएल के निष्पादन के लिए उपयुक्तता का पता लगाने के लिए परीक्षण आयोजित करना
  • दिबांग बांध के लिये फ्लाई ऐश का परिवहन करने की लाजिस्टिक का अध्ययन
  • प्रतिरोधक इमेजिंग तकनीक द्वारा अर्थमट डिजाइन का अनुकूलन
  • डैम इंटेक में एक उपयुक्त जोखिम रहित ट्रेश क्लीनिंग व्यवस्था का विकास
  • हिमालयी क्षेत्र के लिए साइट विशिष्ट शिखर जमीन त्वरण क्षीणन संबंध के विकास के लिए एनएचपीसी पावर स्टेशन पर दर्ज स्ट्रॉन्ग मोशन एक्सेलेरोग्राफ डेटा का विश्लेषण
  • चमेरा- III पावर स्टेशन के लिए अंतर्वाह पूर्वानुमान प्रणाली का विकास
  • पावर स्टेशनों की हाइड्रो जनरेटिंग इकाइयों की परिचालन उपलब्धता को बेंचमार्क करना
  • एनएचपीसी लिमिटेड के तहत चमेरा- I पावर स्टेशन के जलाशय क्षेत्र में निगरानी और निदान तकनीक के विकास के लिए अनुसंधान एवं विकास कार्य
 
  • वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान सम्पन्न की गई आरएंडडी परियोजनाएँ
    • इंटेक के पास एक ट्रैश फ्री जोन बनाने के लिए सलाल पावर स्टेशन में एक डाइवर्जन लॉग बूम डिजाइन और विकसित करना
    • एचवीएएफ बनाम एचवीओएफ कोटिंग का लागत लाभ विश्लेषण
    • एनएचपीसी लिमिटेड द्वारा परियोजना निष्पादन / कार्यान्वयन प्रणालियों में ड्रोन प्रौद्योगिकी / संचालन का परिचय
    • एफ़ईएम सॉफ्टवेयर का उपयोग कर उच्च कोनक्रीट गुरुत्वाकर्षण डैम्स के लिए क्रियाशील विश्लेषण
    • ओ एंड एम उपकरण / पुर्जों (ई एंड एम और एचएम), निर्माण सामग्री - डेटा विवरण के बारे में डेटा के निष्कर्षण के लिए सॉफ्टवेयर का विकास
  • वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान सम्पन्न की गई आरएंडडी परियोजनाएँ
    • तीस्ता -IV जल विधुत परियोजना के लिए रिमोट सेंसिंग आधारित सेडीमेंटेशन अध्ययन
    • पावर पोटेन्शियल अध्ययन के लिए सॉफ्टवेयर का विकास
    • चमेरा-II पावर स्टेशन में जनरेटर ट्रांसफार्मर की मामूली तेल रिसाव की मरम्मत
    • फ्लाई ऐश के लिए उपयुक्त स्थानापन्न की पहचान करना ताकि इसका रोलर कॉम्पेक्ट कंक्रीट डैम के लिए विचार किया जा सके
    • रोलर कॉम्पैक्ट कंक्रीट डैम में उपयोग के लिए भारत में उपलब्ध फ्लाई ऐश स्रोतों की उपयुक्तता की जाँच करना” पूर्ण हो गई है
  • वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान सम्पन्न की गई आरएंडडी परियोजनाएँ
    • हाइड्रोलिक अध्ययन जिसमें कम्प्यूटेशनल फ्लूड डायनामिक्स (सीएफडी) सॉफ्टवेयर-फ्लो 3D द्वारा सुबानसिरी लोअर जल विधुत परियोजना उच्च हेड स्पिलवे में केविटेशन से संबंधित हाइड्रोलिक अध्ययन
    • धौलीगंगा पावर स्टेशन में स्टील लाइनर के साथ पुनर्वासित कंक्रीट स्पिलवे ग्लेशिस का अध्ययन एवं परफोरमेनस मूल्यांकन।
    • पार्वती-II जलविद्युत परियोजना में टीबीएम उत्खनन की प्रगति को बढ़ाने के लिए प्रारंभिक सहायता प्रदान करने और खुदाई के तुरंत बाद खुदाई वाले हिस्से को स्थिर करने के लिए विशेष शॉटक्रीट का परीक्षण करना।
    • EN1504-3 (आर 4) के विनिर्देशों का अनुपालन करते हुए मरम्मत मोर्टार के घर्षण प्रतिरोध के मूल्यांकन के लिए अध्ययन
  • वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान सम्पन्न की गई आरएंडडी परियोजनाएँ
    • हिमाचल प्रदेश में रावी नदी पर चमेरा- I पावर स्टेशन के जलाशय से ग्रीन हाउस गैस (GHG) उत्सर्जन का मापन
    • रिमोट सेंसिंग और जीआईएस प्रौद्योगिकी का उपयोग करके रंगित एचई प्रोजेक्ट सिक्किम का पोस्ट प्रोजेक्ट पर्यावरणीय मूल्यांकन
    • सुबनसिरी लोअर पनबिजली परियोजना के पावर हाउस बैक ढलान के स्थिरीकरण की निगरानी
    • रिमोट सेंसिंग और जीआईएस प्रौद्योगिकी का उपयोग कर चालू/निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं में भूस्खलन अध्ययन।
    • हाइड्रो तीस्ता बेसिन में जलाशय संचालन तकनीकों के माध्यम से तलछट प्रबंधन द्वारा जलविद्युत परियोजनाओं में डी-सिल्टिंग बेसिन के उन्मूलन के लिए संख्यात्मक और भौतिक मॉडल अध्ययन
    • पावर प्रोजेक्ट्स में भूगर्भीय अनिश्चितताओं के अनुकूलन(Optimization) के लिए रेजिस्टिविटी इमेजिंग और ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार में उभरती भौगोलिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से लक्षित(Targeted) समाधान
    • प्रौद्योगिकी उन्नयन / आर एंड डी हस्तक्षेप के तहत धौलीगंगा पावर स्टेशन के एक सर्ज शाफ्ट गेट के लिए हाइड्रोलिक मोटर संचालित रस्सी ड्रम होस्टिंग सिस्टम का परिचय
  • वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान सम्पन्न की गई आरएंडडी परियोजनाएँ
    • रिमोट सेंसिंग और जीआईएस प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए सेवा- II एचई परियोजना जम्मू और कश्मीर(केंद्र शासित प्रदेश) के सामाजिक-आर्थिक आधार पर मूल्यांकन
    • हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स में भूगर्भीय अनिश्चितताओं के अनुकूलन(Optimization) के लिए सीसमिक टोमोग्राफी में उभरती भौगोलिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से लक्षित(Targeted) समाधान
    • हाइड्रोईलेक्ट्रिक परियोजनाओं के सिविल संरचनाओं की मरम्मत और पुनर्वास के लिए दिशानिर्देशों का अपडेशन और प्रदर्शन मूल्यांकन के आधार पर नई सामग्री / पद्धति को शामिल करना
    • बैरास्यूल पावर स्टेशन के इष्टतम(Optimal) संचालन के लिए हाइड्रो एब्रेजिव इरोजन एवं सस्पेंडेड सेडिमेंट की निगरानी
    • कंक्रीट ग्रेविटी बांध के नीचे सॉफ्ट रॉक फ़ाउंडेशन में सीपेज को कम करने में सुबानसिरी बांध के लिए कोनक्रीट कट ऑफ दीवार की आवश्यकता और प्रभावशीलता का अध्ययन
  • साल 2012-19 के दौरान प्रमुख आर एंड डी गतिविधियाँ:-
    • एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के पेनस्टॉक / प्रेशर शाफ्ट, सर्ज शाफ्ट और एचआरटी के हिस्से का सीएफडी विश्लेषण
    • एनपीपी- एनएमएल और अन्य के सहयोग से जल विद्युत जनरेटर के टर्बाइनों के लिए गाद प्रतिरोधी सामग्री का विकास
    • स्पिलवे, ग्लेसिस के लिए उच्च घर्षण शक्ति वाले सामग्री का विकास
    • पावर स्टेशन पर ईएचवी ट्रांसफार्मर (400 केवी तक) की ऑनसाइट मरम्मत के लिए प्रक्रिया का विकास
    • सुबानसिरी नदी के लिए पूरी तरह से स्वचालित नदी निर्वहन(Discharge) माप प्रणाली का विकास।
    • एक पावर स्टेशन के जलाशय में गाद के प्रवेश को कम करने और मापने के उपायों का सुझाव देना
    • पॉलीमर और फाइबर के साथ उच्च प्रदर्शन कंक्रीट मिश्रण का विकास
    • तीस्ता -IV जल विधुत परियोजना, सिक्किम के जलाशय तलछट(Sedimentation) के लिए इंटीग्रेटेड 1 डी और 3 डी गणितीय मॉडल अध्ययन
    • पुराने कंक्रीट के साथ उच्च प्रदर्शन कंक्रीट के बंधन पर अध्ययन।
  • अनुसंधान एवं विकास सहयोग के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर
    एनएचपीसी ने अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास में सहयोग के लिए देश के निम्नलिखित प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओए)/(एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं ।
    • 1. आई आई टी, रुड़की
      2. आईआईटी, कानपुर
      3.आईआईटी (आईएसएम), धनबाद
      4. सीएसआईआर-सीएसआईओ, चंडीगढ़
      5. सीडब्लूपीआरएस, पुणे
      6. एनआईटी, दुर्गापुर
      7. आईआईटी, जम्मू
      8. आईआईटी, दिल्ली
    • 9.  आईआईटी, इंदौर 
    • 10. आईआईटी, पटना

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    तीस्ता-V पावर स्टेशन पर ऑनलाइन केविटेशन निगरानी प्रणाली
    • केविटेशन एक जटिल मल्टीफेज घटना है जिसमें एक तरल माध्यम के अंदर बुलबुले के गठन और गतिविधि शामिल है। यह आमतौर पर तब होता है जब एक तरल को तेज़ी से दबाव परिवर्तन के अधीन रखा जाता है जिससे तरल में जहां दबाव अपेक्षाकृत कम होता है वहाँ केविटी का गठन होता है । जब वोइड्स उच्च दबाव के अधीन आता है, तो फट सकते हैं और एक इंटेन्स शॉक वेव उत्पन्न कर सकते हैं।
    • यह हाइड्रो टरबाइन पर जैसे शोर, कंपन, सतह क्षरण और प्रदर्शन हानि आदि तरह का नकारात्मक प्रभाव डालता है। हाइड्रो टरबाइन में केविटेशन की शुरुआत और विकास वायुमंडलीय दबाव, सक्शन हैड, प्रवाह की गति, तापमान, सतह तनाव, तरल में गैस सामग्री और टरबाइन के परिचालन घंटों जैसे विभिन्न मानकों पर निर्भर करता है।
    • केविटेशन पूरी तरह से समाप्त किया जाना मुश्किल है और डिजाइन स्थितियों के तहत दूर नहीं किया जा सकता है। हालांकि, स्वीकार्य सीमाओं के भीतर इसे कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए। इसलिए एनएचपीसी तीस्ता-V पावर स्टेशन में ऑनलाइन केविटेशन निगरानी प्रणाली स्थापित करने जा रहा है क्योंकि तीस्ता क्षेत्र में 90% से अधिक गाद में क्वार्ट्ज होता है जो बहुत कढा और घर्षण की प्रव्रति रखता है।
    • टर्बाइन के पानी के नीचे के हिस्सों में केविटेशन की निगरानी के नतीजे देखने के लिए प्रयोगात्मक आधार पर तीस्ता-V पावर स्टेशन में केविटेशन और सिल्ट कटाव का पता लगाने और रोकने के लिए ऑनलाइन निगरानी प्रणाली को उपयोग किया जा सकता है।
    • तीस्ता V पावर स्टेशन पर पैनलों और इसके सामान का परीक्षण और स्थापना पूरी हो गई है।
    ज्ञान प्रबंधन पोर्टल:-
    • ओएनजीसी के सहयोग से डीपीई ने एक सार्वजनिक ज्ञान प्रबंधन पोर्टल (https://samanvay.cpse.in) विकसित किया है जिस पर सभी सीपीएसई अपने ज्ञान, बुनियादी ढांचे, एसओपी, सर्वोत्तम प्रथाओं, केस स्टडीज, टैसिट ज्ञान, सफलता नवचार उनके संबंधित कार्यात्मक डोमेन आदि साझा कर सकते हैं ।
    • यह पोर्टल दुनिया में अपनी तरह का पहला पोर्टल है जो सीपीएसई के 11 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं के कौशल, गति, पैमाने पर दक्षता और समयबद्धता को बढ़ाने के उद्देश्य से 300 से अधिक कंपनियों को एक छतरी के नीचे लाएगा ।
    • इस पोर्टल को परिचालित कर दिया गया है । वर्तमान में इस पोर्टल में एनएचपीसी के 2759 उपयोगकर्ता पंजीकृत हैं ।
    • एनएचपीसी ने एनएचपीसी और अन्य सीपीएसई के अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए अपने ज्ञान / सूचना को अद्यतन करने के लिए "समन्वय" पोर्टल में अपने मैनुअल, एसओपी, सर्वोत्तम प्रथाओं, बुनियादी सुविधाओं की सूचना आदि भी अपलोड की है ।

    आईआईटी रुड़की में एनएचपीसी चेयर प्रोफेसरशिप की स्थापना:-
    • आईआईटी रुड़की में एनएचपीसी चेयर प्रोफेसर की स्थापना के लिए, एनएचपीसी तथा आईआईटी रुड़की के बीच दिनांक 26.12.2018 को हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) के अनुसार, दिनांक 22.08.2019 को आईआईटी रुड़की द्वारा प्रोफ़ेसर बी. के. गांधी को एनएचपीसी चेयर प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया है। इनका कार्यकाल तीन वर्ष या 68 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, तक होगा।
    • एनएचपीसी चेयर प्रोफेसर देश में जलविद्युत विकास के एक राजदूत के रूप में कार्य करेगा, जो IIT रुड़की और भारतीय शिक्षाविदों में जलविद्युत क्षेत्र में नई खोज, अनुसंधान और विकास को उत्प्रेरित करने के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए जलवायु परिवर्तन प्रोटोकॉल के अध्ययन व आवेदन सहित पर्यावरण और जल संसाधनों तथा जल विद्युत विकास परियोजनाओं के सामाजिक प्रभावों पर अध्ययन की सुविधा प्रदान करेगा ।