श्री सुप्रकाश अधिकारी ने एनएचपीसी के निदेशक (तकनीकी) का पदभार ग्रहण किया
श्री सुप्रकाश अधिकारी ने एनएचपीसी के निदेशक (तकनीकी) का पदभार ग्रहण किया
श्री सुप्रकाश अधिकारी ने आज भारत की अग्रणी जलविद्युत कंपनी और भारत सरकार की नवरत्न कंपनी एनएचपीसी लिमिटेड के निदेशक (तकनीकी) का पदभार ग्रहण कर लिया है। इस नियुक्ति से पहले, श्री सुप्रकाश अधिकारी, एनएचपीसी में कार्यपालक निदेशक (ओ एंड एम) के पद पर कार्यरत थे। श्री अधिकारी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी (पूर्व नाम: बी.ई. कॉलेज), शिवपुर, पश्चिम बंगाल से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने एनएचपीसी में अपने प्रोफेशनल कैरियर का प्रारम्भ दिसंबर 1990 में गुणवत्ता आश्वासन विभाग, एनएचपीसी निगम मुख्यालय में प्रशिक्षु कार्यपालक (इलेक्ट्रिकल) के रूप में किया।
श्री सुप्रकाश अधिकारी के पास परियोजना की संकल्पना से लेकर चालू करने तक के सभी चरणों के साथ-साथ प्रचालन और अनुरक्षण के कार्यों सहित जलविद्युत क्षेत्र में 34 वर्षों से अधिक का विशिष्ट अनुभव है। एनएचपीसी बोर्ड में शामिल होने से पहले, उन्होंने ओएंडएम और सेफ्टी विभाग के कार्यपालक निदेशक के रूप में कार्य किया। इस भूमिका में उन्होंने प्रमुख प्रचालन उत्कृष्टता पहलों का नेतृत्व, विनियामक अनुपालन में सुधार और ईष्टतम अनुरक्षण कार्यक्रमों को संपादित किया - जिसके परिणामस्वरूप रिकॉर्ड वार्षिक विद्युत उत्पादन, उच्चतम संयंत्र उपलब्धता कारक (पीएएफ) और अघोषित विद्युत कटौती में महत्वपूर्ण कमी हुई।
श्री अधिकारी ने डिजाइन (ई एंड एम) विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला, जहां उनकी तकनीकी विशेषज्ञता एनएचपीसी और इसकी सहायक कंपनियों/संयुक्त उद्यमों में जलविद्युत और पंप्ड स्टोरेज परियोजनाओं के लिए ई एंड एम पैकेजों की डिजाइनिंग और इंजीनियरिंग में महत्वपूर्ण थी। उनकी निष्ठा और नेतृत्व ने 800 मेगावाट की पार्बती-II जल विद्युत परियोजना के सफल कमीशनिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 540 मेगावाट चमेरा-I, 120 मेगावाट सेवा-II, 45 मेगावाट निम्मो बाज़गो, 132 मेगावाट टीएलडी-III और 60 मेगावाट रंगीत सहित प्रमुख पावर स्टेशनों के परियोजना प्रमुख के रूप में श्री अधिकारी ने प्रचालन दक्षता में उल्लेखनीय सुधार करते हुए महत्वपूर्ण तकनीकी मुद्दों का समाधान किया। सेवा-II में उन्होंने क्षतिग्रस्त हेड रेस सुरंग को निर्धारित समय से पहले पुनः चालू करवाने के कार्य का नेतृत्व किया - जो एक प्रमुख इंजीनियरिंग उपलब्धि थी।
श्री अधिकारी ने अध्ययन और आधिकारिक कार्यों के लिए फ्रांस, नॉर्वे और यूक्रेन सहित कई देशों का दौरा किया है।
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16.04.2025
फ़रीदाबाद