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श्री संजय कुमार सिंह निदेशक (परियोजनाएं)
डीआईएन: 10718481

एनएचपीसी में शामिल होने से पहले, श्री संजय कुमार सिंह एसजेवीएन लिमिटेड में मुख्य महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे। श्री सिंह के पास भारत और भूटान में स्थित विद्युत और अवसंरचनात्मक क्षेत्र में बड़ी और प्रतिष्ठित परियोजनाओं के निष्पादन का 32 वर्षों से अधिक का व्यापक और विविध अनुभव है। आप बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (सिविल) डिग्री धारक हैं। आपने एसजेवीएन में सुन्नी बांध जलविद्युत परियोजना (निर्माण चरण), नैतवार मोरी जलविद्युत परियोजना (निर्माण चरण), लुहरी जलविद्युत परियोजना चरण II (सर्वेक्षण एवं अन्वेषण चरण), जाखोल सांकरी जलविद्युत परियोजना (सर्वेक्षण एवं अन्वेषण चरण) के प्रमुख के रूप में कार्य किया है। आपने एसटीपीएल (एसजेवीएन लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में भी कार्य किया है। इसके अतिरिक्त, आपने भारत की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना अर्थात नाथपा झाकड़ी जलविद्युत परियोजना (1500 मेगावाट), हि.प्र., ताला जलविद्युत परियोजना (1020 मेगावाट ), भूटान के निर्माण और देवसारी जलविद्युत परियोजना (उत्तराखंड) के सर्वेक्षण एवं अन्वेषण /निर्माण-पूर्व गतिविधियां के लिए विभिन्न पदों पर रहकर उत्तरदायित्यों का निर्वहन किया। 
 
श्री सिंह ने 08.08.2024 से 16.04.2025 तक एनएचपीसी में निदेशक (तकनीकी) का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला है। उन्हें एनएचपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड और जलपावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचपीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनिय) के बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। उन्हें रतले हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचपीसी और जेकेएसपीडीसीएल का एक संयुक्त उद्यम) और चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (एनएचपीसी और जेकेएसपीडीसीएल का एक संयुक्त उद्यम) के बोर्ड में नामित निदेशक के रूप में भी नियुक्त किया गया है।
 
आपने परियोजना निर्माण, सर्वेक्षण एवं अन्वेषण/निर्माण-पूर्व जैसी परियोजना संबंधी प्रमुख गतिविधियों के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य किया, जिसमें विस्तृत परियोजना रिपोर्ट और लागत प्राक्कलन तैयार करना, बोली दस्तावेजों को तैयार करना, बोलियों का मूल्यांकन, अवार्ड जारी करना, संविदा प्रबंधन, परियोजना की योजना और निगरानी, ​​पर्यावरण, वन, तकनीकी-आर्थिक, सार्वजनिक निवेश बोर्ड आदि से विभिन्न मंजूरियों को प्राप्त करने के लिए केंद्रीय जल आयोग/केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण/विद्युत मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जैसे विभिन्न मंत्रालयों/विभागों से संपर्क और अनुवर्ती कार्रवाई शामिल है।