प्रो. (डॉ.) अमित कंसलस्वतंत्र निदेशक
डीआईएन : 07722428

प्रो. (डॉ.) अमित कंसल, पीएचडी (47 वर्ष), का जन्म 24 सितंबर, 1975 को पंजाब के संगरूर जिले में हरियाणा की सीमा के पास शहीद उधम सिंह वाला, सुनाम के नाम से मशहूर शहीद भूमि पर हुआ था, डॉ. अमित कंसल ने अपनी पूरी शिक्षा के दौरान उत्कृष्ट अकादमिक साख हासिल की है। उन्होंने पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला से राजनीति विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। उनकी थीसिस शोध कार्य “1967 से पंजाब में अकाली गठबंधन“ पर थी, जिसे विभिन्न राजनीतिक विद्वानों द्वारा विभिन्न प्लेटफार्मों पर सराहा गया। उन्होंने विभिन्न मान्यता प्राप्त संस्थानों और विश्वविद्यालयों से राजनीति विज्ञान, पत्रकारिता और जनसंचार एवं दूरस्थ शिक्षा में तीन मास्टर डिग्री पूरी की। हमेशा सीखने की प्रवृति के साथ, शिक्षा के निरंतर उन्नयन के माध्यम से अपने विश्लेषणात्मक कौशल को प्रखर करने में उनकी गहरी रुचि रही है। हाल ही में, उन्होंने लॉ (एलएलबी) की डिग्री हासिल की है।

उनकी सम्पूर्ण स्कूली शिक्षा ऊधम ज्योति पब्लिक स्कूल, सुनाम से हुई है। अपने स्कूल के दिनों से ही, सामयिक राजनीति और समाज के जरूरतमंद एवं वंचित वर्गों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने में उनकी गहरी रुचि थी। चूंकि उनका पूरा परिवार सामाजिक कार्यों में सत्यनिष्ठा से लगा हुआ है, इसीलिए वे भी परिवार की इस विरासत को विस्तृत रूप से आगे बढ़ा रहे हैं। स्थानीय और राज्य स्तर पर विभिन्न प्रसिद्ध संस्थाओं और क्लबों ने उन्हें सम्मानित किया है और उनके कार्यों की सराहना की है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न राज्य स्तरीय कार्यक्रमों के दौरान स्थानीय और राज्य प्रशासन द्वारा उनके प्रयासों की काफी सराहना की जाती है।

वर्तमान में, डॉ. कंसल नेहरू मेमोरियल गवर्नमेंट कॉलेज, मानसा, पंजाब के वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर और राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। वे राजनीति विज्ञान के क्षेत्र में एक प्रशंसित और प्रसिद्ध समाजशास्त्री हैं और कार्यक्रम अधिकारी के रूप में राष्ट्रीय सेवा योजना, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी, यूजीसी तथा विशेषज्ञ के रूप में आरयूएसए जैसे प्रतिष्ठित संगठनों से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा, वे स्कूल और कॉलेज छोड़ने वाले गरीब एवं वंचित छात्रों के बीच दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा का प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, क्योंकि वे वर्ष 2013 से ही विख्यात राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय अर्थात इग्नू, नई दिल्ली से भी जुड़े हुए हैं। ग्रामीण और वंचित युवाओं के साथ काम करते हुए, उन्होंने 5000 से अधिक छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षित एवं प्रशिक्षित किया और छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके कौशल विकास में वृद्धि की है। उनमें से कई ने अपना स्टार्ट-अप शुरू किया और आज अच्छा जीवन जी रहे हैं। वे आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

उपर्युक्त के अलावा, डॉ. कंसल कृष्णा ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशन्स, रैली (बुधलाधा) में निदेशक (प्रशासन व अकादमी) के पद पर भी कार्यरत हैं। वे सामाजिक कार्यों में विशेष रूप से शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में शामिल हैं। वे निर्माण कैम्पस ऑफ रिसर्च एंड ट्रेनिंग, सुनाम, पंजाब के प्रबंध निदेशक के रूप में भी कार्यरत हैं।

सामाजिक रूप से, वे निर्माण (एक सामाजिक संगठन) और कंसल फाउंडेशन फॉर एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट एंड एम्प्लॉयमेंट के मुख्य कार्यपालक व संस्थापक हैं। अपने अथक और निस्वार्थ प्रयासों के कारण, वे सभी के बीच प्रोफेसर, शिक्षक और अच्छे इंसान के रूप में लोकप्रिय हैं। उनके नेतृत्व पर विश्वास के कारण, उन्हें एबीवीपी, पंजाब में राज्य उपाध्यक्ष जैसे उच्च पद और कई अन्य प्रतिष्ठित पदों पर नियुक्त किया गया। उन्होंने सर्वहितकारी एजुकेशन सोसाइटी (विद्या भारती), पंजाब के राज्य कार्यकारी सदस्य के रूप में भी काम किया और सभी संस्थानों को अधिक उपयोगी बनाने और उत्तरदायित्व निर्धारित करने के लिए संस्थानों और प्रधानाचार्यों के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने श्री सूरज कुंड सर्वहितकारी विद्या मंदिर, सुनाम और सीनियर चेतन सिंह सर्वहितकारी विद्या मंदिर, मनसा के निदेशक के रूप में भी कार्य किया है और अन्य संस्थानों में दी गई सेवाओं की लंबी फेहरिस्त है।

उनके विभिन्न प्रकाशन उनके मजबूत अकादमिक कुशाग्रता को प्रदर्शित करते हैं। उनके नाम से कई प्रकाशन उपलब्ध हैं। भारत की विदेश नीति, सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान पद्धति, पंजाब राजनीति- पुस्तकों के कुछ नाम हैं जो उनके द्वारा लिखी गई हैं। उन्होंने विभिन्न मंचों पर अपना शोध कार्य प्रस्तुत किया है और उनके विभिन्न वैज्ञानिक शोध-पत्र प्रतिष्ठित जर्नलों में प्रकाशित हुए हैं। उन्हें अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत और पंजाबी जैसी विभिन्न भाषाओं का ज्ञान है।

डॉ. कंसल नवंबर, 2021 में स्वतंत्र निदेशक के रूप में एनएचपीसी लिमिटेड के बोर्ड में शामिल हुए।