श्री बलराज जोशी
(58 वर्ष)
गर्वनमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, कराड, महाराष्ट्र से सिविल अभियांत्रिकी में डिग्री धारक हैं | वे जल विद्युत विकास और आयोजना में प्रतिष्ठित नार्वेयन टेक्निकल इंस्टीट्यूट, ट्रोण्डहाइम, नार्वे से नौराड छात्रवृत्ति के अंतर्गत स्नातकोत्तर अर्हता धारक हैं | श्री जोशी ने एनएचपीसी में अक्तूबर, 1982 में सलाल परियोजना (जम्मू एवं कश्मीर) में परिवीक्षार्थी कार्यपालक (अभियांत्रिकी ) के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था |
34 वर्ष से अधिक के अपने प्रतिष्ठित करियर के दौरान श्री जोशी ने नई ऊंचाइयों को छुआ और कई परियोजनाओं नामत: सलाल, दुलहस्ती, कुरीचु परियोजना (भूटान), तीस्ता-v , तीस्ता लो डैम-III तथा IV, पार्बती-III, चूटक, चमेरा-III, पार्बती-II आदि में कार्य करते हुए एनएचपीसी के विकास में योगदान दिया और एनएचपीसी के कार्यपालक निदेशक (डिजाइन एवं अभियांत्रिकी) के पद तक पहुंचे | वह कई परियोजनाओं हेतु एनएचपीसी के परामर्शी कार्यों से भी जुड़े रहे हैं जैसे म्यांमार में 1200 मेगावाट तमांथी और 880 मेगावाट शेवेजे, भूटान में 720 मेगावाट मंगदेचू और मैसर्स पश्चिम बंगाल विकास निगम की बाकरेश्वर तापीय विद्युत परियोजना आदि | उन्होंने किशनगंगा परियोजना हेतु हेग में मध्यस्थम कार्यवाही की अंतर्राष्ट्रीय अदालत में एनएचपीसी का प्रतिनिधित्व भी किया | प्रतिबद्घता के एक असाधारण प्रदर्शन में श्री जोशी ने धौलीगंगा विद्युत स्टेशन के बाढ़ के पश्चात बंद हो जाने के बाद इसे पुन: चालू करने के अत्यधिक चुनौतीपूर्ण कार्य को सफलतपूर्वक पूरा किया |
श्री बलराज जोशी ने 01 अप्रैल, 2016 से एनएचपीसी लिमिटेड के निदेशक (तकनीकी) के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है | श्री जोशी ने 22.09.2017 से कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पद का प्रभार ग्रहण किया हैं।